वाईएसआर की मौत पर खड़े होंगे कई सवाल

राजशेखर रेड्डी की मौत से प्रदेश और देश के लोग जितने दुखी होंगे उससे कई गुना अधिक दुख कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को होगा. यह दूसरी बार है जब सोनिया गांधी का अति विश्वसनीय पार्टी नेता हवाई दुर्घटना का शिकार हुआ है. इससे पहले 30 सितंबर 2001 को कानपुर जाते हुए सेसना हेलिकाप्टर के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से माधवराव सिंधिया की मौत हो गयी थी. माधवराव सिंधिया की मौत पार्टी के लिए जितनी नुकसानदेह थी उससे अधिक व्यक्तिगत रूप से सोनिया गांधी के लिए पीड़ित करनेवाली थी क्योंकि वाईएसआर की ही तरह माधवराव सिंधिया भी सोनिया गांधी के अति विश्वसनीय कांग्रेसी नेता थे.

सोनिया गांधी को किसी अनहोनी की आशंका थी शायद इसीलिए बुधवार की रात को ही उन्होंने दो केन्द्रीय मंत्रियों को आंध्र प्रदेश के लिए रवाना कर दिया था. लेकिन एयर ट्रैफिक कन्ट्रोलर के राडार से गायब हुए वाईएसआर के हेलिकाप्टर का पता चला तो उस भयानक आशंका को सच करते हुए कि हेलीकाप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया है और हेलीकाप्टर में सवार सभी पांच यात्री मारे गये हैं जिसमें मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखऱ रेड्डी भी शामिल हैं. शव बुरी तरह से जले हुए हैं और हेलीकाप्टर राख और टुकड़ों में ही बचा है. पूरा हेलीकाप्टर जलकर राख हो चुका है. करनूल जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर रूराकोदुर में एक 800 फीट ऊंची पहाड़ी के साथ टकराने से हेलीकाप्टर और उसमें बैठे सभी यात्री सदा सदा के लिए समाप्त हो गये.


मुख्यमंत्री का बेल-430 हेलीकाप्टर पहले भी उनके लिए जानलेवा साबित होते होते बचा था. लेकिन बुधवार को मुख्यमंत्री ने अपनी यात्रा के लिए दोबारा इसी हेलीकाप्टर को क्यों चुना जांच के लिए यह बहुत अहम सवाल होगा. मुख्यमंत्री सूखा प्रभावित इलाकों का औचक निरीक्षण करना चाहते थे. इसलिए उन्होंने तय किया कि बिना जिला प्रशासन को सूचना दिये वे इलाके का दौरा करेंगे और सूखे की स्थिति तथा राहत कार्य का जायजा लेंगे. इसलिए उनकी यह यात्रा (अब, अंतिम यात्रा) गोपनीय रखी गयी थी. उनकी यात्रा के लिए बेल-430 हेलीकाप्टर को चुना गया जो कि पिछले एक साल से बेगमपेट हवाई अड्डे के हैंगर में धूल फांक रहा था. आंध्र एविएशन से जुड़े अधिकारी अब कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री की यात्रा कराने वाला हेलीकाप्टर आगस्था वेस्टलैण्ड 139 साल भर अनवर काम करने के बाद सर्विस के लिए गया हुआ था इसलिए मुख्यमंत्री ने बेल-430 हैलीकाप्टर में यात्रा की. फिर सवाल यह है कि बुधवार को ही यह हेलीकाप्टर वापस कैसे आ गया और मुख्यमंत्री को खोजने के काम में लगा दिया गया?


निश्चित रूप से यह टालनेवाला सवाल नहीं है. येदुगिरी सान्दिती राजशेखर रेड्डी न केवल प्रदेश के कद्दावर नेता थे बल्कि सोनिया गांधी के अति विश्वसनीय और करीबी नेता भी थे. और सबसे ऊपर वे एक प्रदेश के मुख्यमंत्री थे. उनकी यात्रा को लेकर कोई राज्य सरकार इतनी संवेदनहीन कैसे हो सकती है कि जिस हेलीकाप्टर को साल भर पहले रिटार कर दिया गया हो और जो हैंगर में खड़ा धूल फांक रहा हो उसमें उनकी सबसे दुर्गम यात्रा का नियोजन कर दे? क्या यह सिर्फ मानवीय चूक और प्रशासनिक लापरवाही है? अगर ऐसा है तो क्यों? वाईएसआर की मौत के बाद यही सबसे बड़ा सवाल है जिसकी गहराई से जांच होनी चाहिए.

Courtesy:
visfot.com

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